ससुराल- मायके के संबंधों में प्रेम और स्नेह घोलने वाली मिठाई की परंपरा! बुंदेलखंड क्षेत्र काफी प्राचीन काल से चली आ रही है "गड़िया घुल्ला" !
रहली/(आदेश अग्निहोत्री)।बुंदेलखंड क्षेत्र में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर शक्कर से बनी मिठाई गड़िया घुल्ला का अपना विशेष महत्व है।
ससुराल और मायके के संबंधों में प्रेम और स्नेह घोलने वाली मिठाई की परंपरा बुंदेलखंड क्षेत्र काफी प्राचीन काल से चली आ रही है।आधुनिकता के वर्तमान दौर में इस परंपरा में कमी जरूर आई है लेकिन ग्रामीण परिवेश में यह आज भी जारी है।सागर के रहली में शक्कर से बने गडिया घुल्ला दूर दूर तक प्रसिद्ध है।
बुंदेलखंड अंचल में मकर संक्रांति के पर्व पर रिश्तों में मिठास घोलने की एक अनोखी परंपरा है।प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार मकर संक्रांति के पर्व पर रिश्तेदार एक दूसरे के घरों में विभिन्न प्रकार ले लड्डुओं के साथ शक्कर से बनी एक विशेष प्रकार की मिठाई जिसे बुंदेली भाषा मे गडिया घुल्ला कहते है भेंट स्वरूप भेजते है।बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों में रिश्तों में मिठास घोलने की सदियों पुरानी यह परंपरा आज भी कायम है।मिठाई बनाने वाले रिंकू नेमा ने बताया कि गडिया घुल्ला का निर्माण मकर संक्रांति से लेकर बसंत पंचमी तक किया जाता है।
गडिया घुल्ला का निर्माण शक्कर से किया जाता है।शक्कर की चासनी बनाकर इसे हाथी,घोड़ा,ऊंट,बंदर,गाय,आदि की आकृति के सांचो में ढाला जाता है।
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